कोलकाता। रोजा हर मुसलमान आकिल बालिग पर फर्ज है। माह- ए- रमजान में चांद नजर आते ही पूरी दुनिया का रंग बदलने लगता है और रहमतों की बारिश होने लगती है। ऐसे माहौल में बच्चे कहां पीछे रह सकते हैं। वह भी बड़ों की तरह रोजा रखते हैं। यहां बता दें कि y/2152/2,BP रोड कलकत्ता में रहने वाले शफीकुल इस्लाम के पुत्र रिहान इस्लाम ने धार्मिकता का परिचय देते हुए 6 साल की उम्र में रोजे रखे और दीनी तालीम ली।
ये बच्चे हौसले का मुजाहिरा पेश करते हुए रोजा रखकर घर के सारे बड़े लोगों के साथ सेहरी व इफ्तार में शरीक हुए। पूरे रमजान माह में आसपास के जवान लोग भी इस बच्चे के हौसले के कायल हैं। जब से रोजा शुरू हुआ तब से शफीकुल इस्लाम के पुत्र रिहान इस्लाम ने रोजा रखा और 5 वक्त का नमाज भी पढ़ा। उसने अल्लाह ताला से गुनाह की माफी के साथ मुल्क में अमन शांति व भाईचारे के लिए दुआ मांगी ।