अरुण श्रीवास्तव दिल्ली क्राइम नेशनल न्यूज़ भोपाल मध्यप्रदेश
भोपाल। अखिल भारतीय चित्रगुप्त कायस्थ महासभा के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार श्रीवास्तव ने कायस्थों का आह्वान किया है कि वे अपनी शक्ति को पहचानें। शक्ति का अहसास होगा, तभी समाज के लिए कुछ कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज का उत्थान ही एक मात्र उनका उद्देश्य है। लेकिन आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक मजबूती तभी आएगी, जब हम अपनी एकता बरकरार रखेंगे। अभी अलग-अलग संगठनों में बंटे होने के कारण हमारी एकता नजर नहीं आती। हमें इस स्थिति को दूर करना होगा। संगठन कोई भी हो, मंजिल एक होनी चाहिए और समाज का काम होना चाहिए।
विजय कुमार श्रीवास्तव शुक्रवार को ‘राष्ट्रीय जनमोर्चा’ के साथ एक कार्यक्रम में कायस्थ समाज की दशा और दिशा पर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चित्रांश बुद्धि, विवेक और शिक्षा में अग्रणी रहे हैं, पर सेवा भावना की कमी है। अपने समाज के गरीब और निर्धन लोगों को सहयोग करने में संकोच करते हैं। हमें इस कमी को दूर करना होगा।
कार्यक्रम में विजय कुमार के साथ मदन मोहन श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे। विजय कुमार ने देश के कायस्थों से अखिल भारतीय चित्रगुप्त कायस्थ महासभा (एबीसीकेएम) से जुड़ने की अपील की है। उन्होंने बताया कि यह संगठन लगातार देश के अलग-अलग राज्यों में विस्तार कर रहा है। संगठन के सदस्य सामाजिक बुराइयों को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। समाज से दहेज के कोढ़ को खत्म करना है लेकिन यह तभी होगा जब धनी-संपन्न परिवार बेटे-बेटियों की शादी चित्रगुप्त मंदिर में करेंगे। उन्हें भगवान चित्रगुप्त की महिमा से परिचित कराएंगे। नई पीढ़ी को अपना इतिहास बताकर उन्हें कायस्थ शक्ति का अहसास कराएंगे।
उन्होंने कहा कि समाज को विकसित करना है, युवक-युवतियों को आगे बढ़ाना है तो मेधावी विद्यार्थियों एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले कायस्थ परिवारों को सामूहिक आयोजन के माध्यम से सम्मानित किया जाना चाहिए। और एबीसीकेएम लगातार इस तरह के आयोजन करता आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि एबीसीकेएम कायस्थ समाज के नवयुवकों को सेवा भावना के उद्देश्य से जोड़ना चाहता है। ऐसे तो देश में कई संगठन हैं, लेकिन अधिकतर पंजीकृत नहीं हैं। उनके बैंक खाते भी नहीं हैं। आर्थिक स्थिति के सुधार के लिए सरकार से कोई बातचीत नहीं करता। लेकिन अखिल भारतीय चित्रगुप्त कायस्थ महासभा नीति आयोग से भी पंजीकृत है और केंद्र सरकार के माध्यम से कायस्थों के हित में कल्याणकारी योजनाओं को लेकर शीघ्र ही बातचीत भी करेगा। इसके लिए विजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वह पूरी तरह से कायस्थ समाज के उत्थान के लिए संगठन के प्रति समर्पित हैं और अन्य लोगों से भी उन्हें उम्मीद है कि वे नि:स्वार्थ भावना से जुड़ेंगे, तभी कायस्थ समाज आर्थिक और राजनीतिक रूप से मजबूत होगा।