साईंखेड़ा के गाडरवारा रोड स्थित श्री दादा दरबार में 4 दिवसीय नानी बाई के मायरे की कथा का भव्य आयोजन चल रहा है, कथा के साथ साथ सुबह ५ बजे से रात्रि १२ बजे तक विविध धार्मिक आयोजनों का दौर चलता रहता है..
विदित हो, दादा दरबार में प्रतिवर्ष होली के बाद पुराणों की कथा आयोजित होती है जिसमे श्रीमद भागवत महापुराण, श्री राम कथा, श्री विष्णु पुराण, श्री मत्स्य पुराण आदि का आयोजन पिछले कई वर्षो से होता आया है, उसी क्रम में इस वर्ष 4 दिवसीय नानी बाई के मायरे की कथा का आयोजन रखा गया है..
साईंखेड़ा क्षेत्र के साथ साथ देश विदेश से भारी संख्या में दादाजी भक्त और आमजन श्री छोटे सरकार जी महाराज का दर्शन करने आ रहे है, भगतों द्वारा हिंदी, मराठी, सिन्धी, मारवाड़ी जैसी अनेक भाषाओ में भजन किया जाता है |
कथावाचक पूज्या कृष्णप्रियां जी के द्वारा कथा के ऐसे भावनात्मक एवं आचरणात्मक पहलू को श्रोताओं को सुना रहे है जो कि आम तौर पर अन्य कथाओं में नहीं बताया जाता जिससे श्रोताओं में हर्ष व्याप्त है..
कथा के बाद सभी दादाजी भक्तो के द्वारा सामूहिक रूप से श्री शिवमहिम्न, शिव तांडव, श्री दादाजी महाराज की आरती, नर्मदाष्टक, रुद्राष्टक एवं दादाअष्टक का पाठ किया जाता है, आरती के बाद सभी भक्तो ने श्री दादाजी महाराज का प्रसाद पाया और लंबे समय तक प्रसाद की पंगत चलती रही..
दूसरे दिवस की कथा में, नानी बाई के मायरे की कथा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए भक्त नरसी मेहता के चरित्र का वर्णन किया साथ ही बताया कि जब भगवान की कथा होती है तो भगवान के भक्त एकत्रित होते है परंतु जब भगवान के नरसी मेहता जैसे भक्तों की कथा होती है तो स्वयं भगवान वहां कथा सुनने पधारते है
आगे दीदी जी ने बताया, कलयुग में नाम जप मैं सारी शक्ति निहित है, हमारे संतों ने कहां है नाम जप में इतने पाप नष्ट करने की शक्ति है जितने पाप मनुष्य पूरे जीवन में नही कर सकता। व्यक्ति सारे आश्रयो का त्याग कर यदि भगवान के नाम का जप करेंगे तो इस भवसागर से तर जायेंगे