*बिजली के दाम औसत 1.65 प्रतिशत बढ़े,
50 यूनिट पर पांच रुपये और 300 यूनिट खपत पर 38 की बढ़ोतरी*
भोपाल । म प्र में बिजली की दर आज से लागू हो गई है। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने मंगलवार की देर रात बिजली की नई दर तय कर दी थी। औसत बिजली के दाम में 1.65 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। सामान्य रूप से समझे तो 50 यूनिट मासिक खपत वाले को पांच रुपये और 300 यूनिट की मासिक खपत पर 38 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। बिजली कंपनी ने 1535 करोड़ रुपये के अंतर के लिए 3.20 प्रतिशत दाम में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था लेकिन आयोग ने सिर्फ 795 करोड़ रुपये के अंतर को पूरा करने के लिए मांग का आधा ही मंजूर किया है। माना जा रहा है कि चुनाव साल होने की वजह से भी बिजली की दर कम बढ़ाई गई है।
म प्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 48993 करोड़ रुपये राजस्व के लिए मंजूरी दी गई है। इस बार टैरिफ में घरेलू उपभोक्ता को न्यूनतम शुल्क में माफी दी गई है। अभी तक उपभोक्ता को बिना बिजली जलाए भी न्यूनतम बिजली बिल का भुगतान करना होता था। इसके अलावा निम्ब दाब के गैर घरेलू उपभोक्ता और निम्न दाब औद्योगिक क्षेत्र के उपभोक्ता के लिए बिजली दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
बढ़ोतरी का व्यापक असर-
सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य अभियंता मप्र पावर जनरेशन कंपनी राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि बिजली दर बढ़ने का व्यापक असर होगा । घरेलू दर छह पैसे बढ़ने के अलावा नियत प्रभार भी बढ़ा है जिसका असर उपभोक्ता पर होगा। 50 यूनिट वाली खपत वाले उपभोक्ता पर पांच रुपये से लेकर 300 यूनिट और उससे ज्यादा खपत करने वाले उपभोक्ता को 38 रुपये की बढ़ोतरी सीधे तौर पर होगी। इसमें इलेक्टिसिटी चार्ज और एफसीए का दर अलग से शामिल होगी।
ग्रीन एनर्जी वालों को लाभ-
ऐसे बिजली उपभोक्ता जो पर्यावरण के लिए जागरूक उपभोक्ता हैं और वे रिन्युऐबल एनर्जी का ही उपयोग कर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाना चाहते हैं। ऐसे उपभोक्ता 0.97 रुपये प्रति यूनिट का अतिरिक्त भुगतान कर ग्रीन एनर्जी से बिजली का उपयोग कर सकते हैं। वर्तमान दर 1.13 रुपये है। इस दर में 16 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। उपभोक्ताओं को पूर्व अनुसार कोई भी मीटरिंग चार्जेस नहीं लगेंगे। हालांकि सामान्य बिजली की तुलना में यह दर अभी भी अधिक है और इसका उपयोग बहुत कम संख्या में उपभोक्ता करते हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां भी ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित करती है।
100 यूनिट वाले उपभोक्ता पर असर नहीं-
मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी के सीजीएम शैलेंद्र सक्सेना ने बताया कि वर्तमान में शासन द्वारा दी जा रही सब्सिडी के प्रभाव से राज्य के अन्तर्गत 100 यूनिट तक खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ता एवं फ्लेट रेट कृषि उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों पर इस दर वृद्धि का कोई प्रभाव नहीं रहेगा।
खास बिंदु
-30 यूनिट (एलवी-1)तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं का न्यूनतम शुल्क खत्म कर दिया गया।
निम्न दाब गैर घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता(एलवी 2) तथा निम्न दाब औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ता
- उपभोक्ताओं पर मीटरिंग चार्ज खत्म कर दिया गया।
- प्रदेश में मेट्रो रेल के संचालन के लिए अलग दर श्रेणी एचवी-9 बनाई गइ है।
- ई व्हीकल और ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन (एलवी 6 और एलवी 7) की विद्युत दरों में स्थाई प्रभार खत्म कर दिया गया।
-विद्युत भुगतान आनलाइन किए जाने पर 0.5 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी।
खपत अभी बिल अप्रैल से बढ़ी दर से बिल अंतर
50 यूनिट – 279 रुपये – 284 रुपये – पांच रुपये
100 यूनिट – 589 रुपये – 593 रुपये – दस रुपये
150 यूनिट – 848 रुपये – 860 रुपये- 12 रुपये
200 यूनिट – 1419 रुपये – 1445 रुपये – 26 रुपये
300 यूनिट- 2223 रुपये – 2268 रुपये- 38 रुपये
नोट- इसमें एफसीए 34 पैसे प्रति यूनिट तथा इलेक्टिसिटी ड्यूटी का प्रभार शामिल नहीं है। इसके अलावा 100 यूनिट वाले उपभोक्ता पर बढ़ोतरी का प्रभाव नहीं होगा। उन्हें सब्सिडी में यह राहत मिल जाएगी। इसके अलावा 150 यूनिट खपत पर सब्सिडी लेने के बाद उपभोक्ता पर 3 रुपया बढ़ी हुई दरों का बोझ पड़ेगा
अरूण श्रीवास्तव दिल्ली क़ाइम नेशनल न्यूज़ मध्य प्रदेश