कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का स्थापना दिवस
दिनांक: 1 नवम्बर 2025
स्थान: भारत मंडपम, नई दिल्ली




उपस्थित विशिष्ट अतिथि
मुख्य अतिथि:
डॉ. मनसुख मांडविया, माननीय श्रम एवं रोजगार मंत्री तथा युवा कार्य एवं खेल मंत्री, भारत सरकार
विशिष्ट अतिथि:
श्रीमती वंदना गुर्नानी, सचिव, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय
विशेष अतिथि:
श्री अशोक कुमार, महानिदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC)
श्री रोमेश कृष्णमूर्ति, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (CPFC) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ईपीएफओ
श्री हीरनमय पांडे, अध्यक्ष, भारतीय मजदूर संघ (BMS)
यह मेरे लिए अत्यंत सम्मान और गर्व का क्षण है कि मैं, डॉ. दीपक जायसवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (NFITU) तथा ईपीएफओ सीबीटी सदस्य, आज भारत मंडपम में आयोजित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के स्थापना दिवस समारोह में आप सभी के बीच उपस्थित हूँ।
यह दिवस केवल एक संस्था की स्थापना का स्मरण मात्र नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे दृष्टिकोण की पुनर्पुष्टि है जो सामाजिक न्याय, आर्थिक सुरक्षा और प्रत्येक श्रमिक के सम्मान का प्रतीक है। ईपीएफओ ने दशकों के दौरान भारत के श्रमिक वर्ग में विश्वास, स्थिरता और प्रतिबद्धता की मिसाल कायम की है।
मैं इस अवसर पर हमारे माननीय मुख्य अतिथि डॉ. मनसुख मांडविया के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और आभार व्यक्त करता हूँ। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने श्रमिक कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में नई ऊर्जा और गति प्रदान की है। श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के दायरे को विस्तृत करना, श्रम प्रशासन को आधुनिक बनाना और श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाना — ये सभी उनकी दूरदर्शी सोच के उदाहरण हैं।
श्रम एवं खेल मंत्री के रूप में उनका संयुक्त नेतृत्व यह दर्शाता है कि वे न केवल आर्थिक सुरक्षा बल्कि श्रमिकों के शारीरिक और मानसिक कल्याण को भी समान रूप से महत्व देते हैं।
मैं श्रीमती वंदना गुर्नानी, सचिव, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, के प्रति भी गहरा आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने नीति-निर्माण और प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से श्रम प्रणाली में पारदर्शिता और कार्यकुशलता को नई दिशा दी है।
हमारे विशेष अतिथि श्री अशोक कुमार, महानिदेशक ईएसआईसी, का भी आभार, जिन्होंने अपने सतत प्रयासों से लाखों श्रमिकों और उनके परिवारों को स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है।
श्री रोमेश कृष्णमूर्ति, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त एवं सीईओ, ईपीएफओ, के नेतृत्व में यह संस्था एक डिजिटल, पारदर्शी और श्रमिक-हितैषी संगठन के रूप में विकसित हुई है। उनके नेतृत्व में करोड़ों श्रमिक अब अपने भविष्य निधि खातों को आसानी से ऑनलाइन संचालित कर पा रहे हैं — यह कार्यक्षमता और उत्तरदायित्व का उत्कृष्ट उदाहरण है।
साथ ही, मैं श्री हीरनमय पांडे, अध्यक्ष, भारतीय मजदूर संघ (BMS), और सभी ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों का भी अभिनंदन करता हूँ, जिन्होंने भारत के श्रमिकों की आवाज़ को सशक्त और एकजुट बनाया है।
ईपीएफओ स्थापना दिवस का महत्व
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भारत की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली का प्रमुख स्तंभ है। दशकों से इस संस्था ने करोड़ों श्रमिकों के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित किया है और उनके परिश्रम की पूँजी को एक संरक्षित भविष्य में परिवर्तित किया है।
ईपीएफओ ने अनेक ऐतिहासिक पहलें की हैं, जैसे —
यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) प्रणाली,
ऑनलाइन दावा निपटान प्रक्रिया,
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT), और
सरलीकृत डिजिटल पहुँच प्रणाली।
इन पहलों ने ईपीएफओ को विश्व के सबसे आधुनिक, पारदर्शी और श्रमिक-मित्र संगठनों में शामिल किया है। इसने न केवल श्रमिकों को सशक्त बनाया है बल्कि उद्योग जगत में भी आर्थिक अनुशासन को प्रोत्साहित किया है।
एनएफआईटीयू की प्रतिबद्धता और दृष्टिकोण
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (NFITU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, मैं यह दोहराना चाहता हूँ कि हमारी संस्था श्रमिक कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित है। एनएफआईटीयू श्रम मंत्रालय, ईपीएफओ और ईएसआईसी के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए कार्यरत है कि सामाजिक सुरक्षा के लाभ देश के प्रत्येक श्रमिक — संगठित, असंगठित, गिग या प्लेटफ़ॉर्म कार्यकर्ता — तक पहुँचें।
हमारी प्राथमिकताएँ निम्नलिखित हैं:
- सभी श्रमिकों को ईपीएफओ और ईएसआईसी के दायरे में लाना।
- श्रमिकों के बीच भविष्य निधि, पेंशन और बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
- डिजिटल साक्षरता को प्रोत्साहित करना ताकि हर श्रमिक अपने खातों और दावों को आसानी से ऑनलाइन एक्सेस कर सके।
- शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए मजबूत प्रणाली और श्रम-प्रबंधन संवाद को सशक्त बनाना।
- ऐसे सरकारी सुधारों का समर्थन करना जो श्रमिकों को सशक्त बनाते हुए उनके अधिकारों की रक्षा करें।
एनएफआईटीयू का दृढ़ विश्वास है कि सामाजिक सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि हर श्रमिक का मौलिक अधिकार है, जिस पर राष्ट्र की समृद्धि की नींव रखी जाती है।
ईपीएफओ की उपलब्धियों की सराहना
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के मार्गदर्शन में ईपीएफओ की निरंतर प्रगति प्रशंसनीय है। चाहे वह पेंशन वितरण में सुधार हो या उद्योगों में अनुपालन को सुदृढ़ बनाना — ईपीएफओ ने दक्षता और सेवा वितरण के क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं।
तकनीक और मानवीय मूल्यों का संगम ईपीएफओ की कार्यसंस्कृति का मूल है — जिसने इसे केवल एक वित्तीय संस्था नहीं, बल्कि श्रमिकों के सपनों और भविष्य का संरक्षक बना दिया है।
इस ऐतिहासिक स्थापना दिवस के अवसर पर, मैं ईपीएफओ परिवार — उसके सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और नेतृत्व — को हृदय से बधाई देता हूँ जिन्होंने श्रमिकों के कल्याण हेतु निरंतर समर्पण दिखाया है।
मैं माननीय डॉ. मनसुख मांडविया, श्रीमती वंदना गुर्नानी, श्री अशोक कुमार, श्री रोमेश कृष्णमूर्ति, तथा सभी सम्मानित अतिथियों और श्रम नेतृत्वकर्ताओं का भी हार्दिक धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने भारत की श्रम प्रणाली को सुदृढ़ और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आइए हम सब मिलकर भारत के श्रमिकों के लिए एक मजबूत, न्यायसंगत और समावेशी भविष्य के निर्माण की दिशा में निरंतर प्रयास करते रहें — जहाँ प्रत्येक श्रमिक सामाजिक सुरक्षा से परिपूर्ण जीवन जिए और अपने परिश्रम पर गर्व महसूस करे।
जय हिन्द! जय मजदूर!
(डॉ. दीपक जायसवाल)
राष्ट्रीय अध्यक्ष
(NFITU)
(ईपीएफओ सीबीटी सदस्य) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार


